आलोक नंदन शर्मा, मुंबई। अभिनेता, स्क्रीप्ट लेखक, संगीतकार और गीतकार पीयूस मिश्रा के बारे में आम धारणा यही है कि वह मूडी हैं और हमेशा अपनी मन की करने में यकीन रखते हैं। दिल्ली के नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एक छात्र के तौर पर उन्होंने शेक्सपीयर के नाटक हेमलेट के किरदार के रूप में खूब लोकप्रियता बटोरी थी। इसके बाद वह दिल्ली में लंबे समय तक रहे और नाटक करते रहे और इसी दौरान उनकी संगति शराब से हो गयी और उनकी पहचान एक एलकॉहलिक पर्सन के रूप में होने लगी। उनको अपनी उर्जा और प्रतिभा को व्यवस्थित करने में काफी वक्त लगा। लेकिन एक बार अपने आप को व्यवस्थित करने के बाद वह धड़ाधड़ सफलता की सीढ़िया चढ़ते चले गये। मकबूल, गुलाल, गैंग ऑफ वासेपुर, रॉक स्टार जैसी फिल्मों में उन्होंने अपने शानदार अभिनय से दर्शकों को चकित है। अब अपने जिंदगी के सफर को बड़ी बेबाकी से अपनी आत्मकथा “तुम्हारी औकात क्या है पीयूस मिश्रा” समेटकर एक बार फिर वह अपने प्रशंसकों को चकित कर रहे हैं।
इस आत्मकथा में उन्होंने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया है कि जब वह सातवीं क्लास में पढ़ते थे तो उनके रिश्ते की एक उम्रदराज महिला ने उनका यौन शोषण किया था, हालांकि उन्होंने उस महिला के नाम का खुलासा नहीं किया है। उनका कहना है कि उनका मकसद जिदंगी के बिखरे हुए पन्नों को समेटना है न कि किसी को बदनाम करना या फिर उससे बदला लेना। यही वजह है कि इस आत्मकथा में सारे किरदारों के नाम बदल दिए गये हैं।
इस आत्मकथा में पीयूस मिश्रा के चाहने वाले को उनकी ग्वालियर की जिंदगी से लेकर दिल्ली और मुंबई तक की जिंदगी के बारे कई रोचक बातें पढ़ने को मिलेगी। कैसे उनके पिता चाहते थे कि वह डॉक्टर की पढ़ाई पढ़े लेकिन उन्होंने एनएसडी में दाखिला लेकर अभिनय की दुनिया में कदम रखने का निर्णय 20 साल की उम्र में ही लिया था।