फिल्में जागरूकता और संवेदनशीलता फैलाने का सबसे प्रभावी माध्यम हैं: राष्ट्रपति
नई दिल्ली। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने नई दिल्ली में विभिन्न श्रेणियों में 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किए। उन्होंने सुश्री वहीदा रहमान को वर्ष 2021 के लिए दादा साहब फाल्के लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रपति ने सुश्री वहीदा रहमान को दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्राप्त करने के लिए बधाई दी और कहा कि वह अपनी प्रतिभा और व्यक्तित्व से फिल्म उद्योग के शिखर पर पहुंची हैं। उन्होंने अपना निजी जीवन भी गरिमा, आत्मविश्वास और मौलिकता के साथ जिया है। उन्होंने कई ऐसी फिल्में चुनीं जिनमें उनके किरदार ने महिलाओं से जुड़ी बाधाओं को तोड़ा। उन्होंने मिसाल कायम की है कि महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को खुद पहल करनी चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि सर्वश्रेष्ठ अभिनय के लिए पुरस्कार प्राप्त करने वाली पल्लवी जोशीए आलिया भट्ट और कृति सेनन ने अपनी फिल्मों में सशक्त महिला पात्र निभाए हैं। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि निर्देशक सृष्टि लखेरा ने अपनी पुरस्कार विजेता फिल्म श्एक था गांवश् में एक 80 वर्षीय महिला की संघर्ष करने की क्षमता का चित्रण किया है। उन्होंने कहा कि महिला पात्रों के सहानुभूतिपूर्ण और कलात्मक चित्रण से समाज में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और सम्मान भी बढ़ेगा।
राष्ट्रपति को यह जानकर प्रसन्नता हुई कि इस वर्ष पुरस्कार प्राप्त करने वाली फिल्मों में जलवायु परिवर्तनए मानव ;कन्याद्ध तस्करीए नारी उत्पीड़नए भ्रष्टाचार और सामाजिक शोषण जैसी समस्याओं को दर्शाया गया है। उन्होंने कहा कि जनजातीय समुदायों के प्रकृति और कला से प्रेमए महात्मा गांधी के आदर्शों की स्थापनाए विपत्तियों के बीच अदम्य उत्साह से संघर्ष करनाए शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति और कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में विशेष उपलब्धियों जैसे विभिन्न विषयों पर अच्छी फिल्में बनाई गई हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि फिल्म क्षेत्र सिर्फ एक उद्योग नहीं है। यह केवल व्यवसाय और मनोरंजन तक ही सीमित नहीं है। जागरूकता और संवेदनशीलता फैलाने के लिए फिल्में सबसे प्रभावी माध्यम हैं। सार्थक फिल्में समाज और देश की उपलब्धियों के साथ.साथ समस्याओं को भी दर्शाती हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि फिल्म बिरादरी हमें अपनी फिल्मों के माध्यम से भारतीय समाज की विविध हकीकतों का जीवंत परिचय देती है। सिनेमा हमारे समाज का दस्तावेज़ भी है और उसमें सुधार लाने का माध्यम भी है। उन्होंने कहा कि सिनेमा कलाकार बदलाव के वाहक होते हैं। उन्होंने कहा कि वे देश के बारे में जानकारी प्रदान करते हैं और नागरिकों से संपर्क साधते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय फिल्मों को देश की सामाजिक विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का वाहक बनना चाहिए। ऐसी फिल्में न केवल देश और समाज के लिए लाभप्रद होंगीए बल्कि व्यावसायिक रूप से भी सफल होंगी। उन्होंने फिल्म जगत से इस प्रयोग को और अधिक संकल्प के साथ करने का आग्रह किया।
राष्ट्रपति ने समाज और सिनेमा में प्रभावशाली योगदान देने के लिए 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की विजेता फिल्मों से जुड़े सभी लोगों की सराहना की। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि फिल्म बिरादरी वैश्विक स्तर की उत्कृष्टता के नए मानक स्थापित करना जारी रखेगी और भारतीय फिल्में विकसित भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।