निजी अनुभवों ने फिल्‍म ‘फैमिली एल्बम’ बनाने की प्रेरणा दी: गुइलेर्मो रोकामोरा

गोवा। “यह फिल्म माता-पिता और बच्चों, दोनों को एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझने में मदद करेगी”

प्रविष्टि तिथि: 25 NOV 2023 6:06PM by PIB Delhi
‘विश्व सिनेमा’ श्रेणी के अंतर्गत प्रदर्शित फिल्म ‘फैमिली एल्बम’ के निर्देशक गुइलेर्मो रोकामोरा ने आज गोवा में 54वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (इफ्फी) में प्रतिनिधियों और मीडिया के साथ बातचीत में अपने विचार साझा किए। इस फिल्‍म के बारे में चर्चा करते हुए उरुग्वे के निर्देशक ने कहा कि उनके निजी अनुभवों ने इस फिल्म को बनाने की प्रेरणा दी। उन्‍होंने कहा, “यह फिल्‍म मेरे पारिवारिक अनुभव के बारे में है। जब मेरे माता-पिता का तलाक हो गया,तो मेरे 16 वर्षीय भाई के जहन में ख्‍याल आया कि वह हमारे पिता को अपने बैंड में ड्रम बजाने के लिए आमंत्रित करे। कई वर्षों से यह कहानी मेरे जहन में थी और यही इस प्रोजेक्‍ट के जन्‍म का कारण बनी और अब इस पर यह फिल्म बनाई गई है।”

स्पैनिश भाषा की यह फिल्म वयस्क बनने की कठिन प्रक्रिया, बड़े होने पर माता-पिता और बच्चों के बीच के जटिल रिश्तों और शौकिया रॉक बैंड की दुनिया पर प्रकाश डालती है। यह फिल्‍म पिता-पुत्र के रिश्तों पर केंद्रित है।

नाटक और हास्य के मिश्रण वाली इस फिल्म का उद्देश्‍य सभी उम्र के दर्शकों के साथ जुड़ना है, उन्हें परिवार के भीतर अपने अंतवैयक्तिक संबंधों और रिश्‍तों पर विचार करने के लिए आमंत्रित करना है। गुइलेर्मो ने विस्तारपूर्वक बताया, “फिल्‍म का मुख्य पात्र मैनुअल संगीतकार बनने या न बनने के विकल्‍प की ऊहापोह से जूझ रहा है, अनेक युवाओं को ऐसे ही विकल्पों से जूझना पड़ता है। दूसरी ओर, फिल्म में पिता संगीत की ओर लौटने और अपनी जवानी के दिनों को फिर से जीने की कोशिश कर रहे हैं, यह कुछ ऐसा है, जिससे कई वृद्ध लोग गुजरते हैं।’ गुइलेर्मो ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह फिल्म माता-पिता और बच्चों दोनों को जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों में एक-दूसरे को बेहतर ढंग से समझने के विचारों और साधनों से अवगत कराएगी।

अपने जीवन पर संगीत के प्रभाव तथा फिल्म में उसके एक महत्वपूर्ण कारक होने पर जोर देते हुए निर्देशक ने बताया कि किस प्रकार ‘संगीत को फिल्म के एक अन्य चरित्र के रूप में चित्रित किया गया है।’ उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने पर बहुत मेहनत की गई कि संगीतकार सही संगीत नोट्स चुने और फिल्म में एक और परत जोड़ने के लिए उन्हें पटकथा में उपयुक्त स्‍थान दिया जाए।

निर्देशक ने अपनी बात समाप्‍त करते हुए कहा कि यह फिल्म परिवार की जटिलताओं की पड़ताल करती है तथा हमें परिभाषित करने वाले प्यार, लचीलेपन और स्थायी बंधनों जैसे सार्वभौमिक विषयों के साथ दर्शकों को लुभाने का वादा करती है।

सारांश:

18 वर्षीय मैनुएल को संगीत का बेहद शौक है लेकिन वह अपने करियर को लेकर बहुत अनिश्चित है। सीज़र 45 वर्ष का है, लेकिन उसका आचरण किशोरों जैसा है। वह एक अपरिपक्व पिता है जो अपनी पत्नी से अलग होने के बाद से ही अपने जीवन में कायापलट और स्वतंत्रता की एक नई भावना अनुभव कर रहा है। वर्जीनिया 49 वर्ष की हैं, वह अपने घर की रसोई में अंग्रेजी पढ़ाती है। घर पर काम करते हुए किशोरों का पालन-पोषण करने और असफल शादी से निपटने की वजह से उसकी जिम्‍मेदारियां बहुत बढ़ गई हैं। 15 साल के अगस्टिन को कभी भी स्कूल से निकाला जा सकता है। इस पारिवारिक संकट के बीच, सीज़र और मैनुअल के मन में रॉक बैंड बनाने का असामयिक विचार आता है। यह सीज़र का युवावस्था का सपना था, जो अधूरा रह गया था। जल्द ही, सीज़र और मैनुअल के बीच पीढ़ीगत टकराव पारिवारिक बैंड परियोजना को अस्थिर कर देगा। टेमास प्रोपियोस वयस्क बनने की कठिन प्रक्रिया, माता-पिता और बच्चों के बीच के जटिल रिश्ते और शौकिया रॉक बैंड की दुनिया के बारे में एक कॉमेडी है।

निदेशक के बारे में:

गुइलेर्मो रोकामोरा फीचर फिल्म और विज्ञापन निर्माता, निर्देशक और पटकथा लेखक हैं। उनकी लघु फिल्म ब्यून वियाजे (2008) ने कान्स फिल्‍म फेस्‍टीवल में प्रतिस्पर्धा की। उनकी प्रथम फीचर फिल्‍म सोलो (2013)का मियामी में प्रीमियर हुआ और उसे सर्वश्रेष्ठ पहली फिल्म का पुरस्कार मिला। उन्होंने डिस्कवरी चैनल के लिए डॉक्यूमेंट्री ला एसेंशिया डी कैरोलिना हेरेरा डी बेज़ (2013) का लेखन और निर्देशन किया। ग्वांतानामो के पूर्व कैदी मुहम्मद के उरुग्वे में जीवन के बारे में एक वृत्तचित्र ला लिबर्टाड एस उना पलाबरा ग्रांडे (2018) का प्रीमियर आईडीएफएफ एम्स्टर्डम में हुआ।