मुंबई। फिल्मों में सफलता की राह आसान नहीं है। यदि आप किसी फिल्मी परिवार से नहीं जुड़े हैं और अपने बलबूते पर फिल्म जगत में अपना कैरियर बनाना चाह रहे हैं तो आपको बहुत सारी कठिनाइयों का सामना करने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहना चाहिए, नहीं तो संघर्ष के दौरान आपके मन में खुदकुशी का ख्याल आ सकता है, जैसा कि रिजेक्ट होने के बाद अभिनेत्री शर्लिन चोपड़ा के दिल में आया करता था।
फ्री प्रेस जर्नल के साथ एक लंबी बातचीत में शर्लिन चोपड़ा ने बड़ी बेबाकी से स्वीकार किया है कि कैसे महेश भट्ठ और रामगोपाल वर्मा जैसे निर्देशकों ने उन्हें रिजेक्ट कर दिया था और इसके बाद कैसे उनके दिलोदिमाग पर खुद को खत्म करने का ख्याल हावी होने लगा था।
महेश भट्ट ने उन्हें रिजेक्ट करने के कोई ठोस कारण नहीं बताये थे जबकि रामगोपाल वर्मा ने कहा था कि तुम नमकीन नहीं हो। वह यह नहीं समझ पा रही थी कि नमकीन होने का मतलब क्या है। लगातार रिजेक्ट किये जाने के बाद शर्लिन चोपड़ा डिप्रेसन में चली गयी थी। इसी बीच उनकी पिता की मौत ने उन्हें और भी बुरी तरह से तोड़ दिया था। लेकिन वह खुद को संभालने में न सिर्फ कामयाब रही बल्कि ‘दोस्ती: फ्रेंड्स फॉरएवर’, ‘रकीब’, ‘रेड स्वास्तिक’, ‘दिल बोले हड़िप्पा’,और ‘कामसूत्र 3 डी’ जैसी फिल्मों में अपनी बेहतरीन अदाकारी से दर्शकों का ध्यान आकर्षिक करके साबित कर दिया कि उसमें नमक की तलाश करने वाले निर्देशक गलत थे।
अभिनेत्री शर्लिन चोपड़ा के इस इंटरव्यू की भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में दबी जुबान से हो रही चर्चा के बावजूद फिल्म निर्देशक महेश भट्ट और रामगोपाल वर्मा ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देने से गुरेज कर रहे हैं।