आलोक नंदन शर्मा, मुंबई। फ्रांसीसी दार्शनिक जीन जैकस रूसो ने अपनी पुस्तक “सामाजिक समझौता” में निजी संपति की आलोचना करते हुए लिखा है कि दुनिया में उस व्यक्ति ने सबसे बड़ी गलती की जिसने पहली बार जमीन के एक टुकड़े को घेर कर यह ऐलान किया कि यह मेरा है। एक ने आगे बढ़कर गुलामी की जंजीर को अपने कदमों में लगाया तो सभी ने उसकी अनुसरण करना शुरु कर दिया। जबकि होना यह था कि आगे बढ़कर उसके बाड़े तोड़कर यह ऐलान करना चाहिए था कि कुदरत द्वारा प्रदत्त चीजों पर किसी का अधिकार नहीं हो सकता, यह सभी की साझी संपत्ति है। भारतीय फिल्म अभिनेता सलमान खान भी ओटीटी प्लेटफॉर्म पर वीभत्स तरीके से परोसे जा रहे गाली गलौच और अश्लीलता के खिलाफ रूसो की तरह ही एक सचेतक की भूमिका में नजर आ रहे हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि रूसो ने निजी संपत्ति के खिलाफ लोगों को चेतावनी दी थी और सलमान खान ओटीटी प्लेटफार्म पर परोसी जा रही बस्तूर गंदगी के खिलाफ चेतावनी दे रहे हैं।
हालांकि इसके साथ ही बिग बॉस शो से जुड़ा सवाल भी स्वाभाविक रुप से उठ रहा है, जिसके होस्ट खुद सलमान खान रहे हैं और जिसके हर सीज़न में अश्लीलता, फूहड़ता और बदतमीज़ी की हदें पार होने को लेकर विवाद उठता रहा है और मीडिया में लेख छपते रहे हैं (या भले ही छपवाए जाते हों)। तो सलमान को आखिर शिकायत किस बात से है अश्लीलता और फूहड़ता से या ओटीटी पर अश्लीलता और फूहड़ता से ? क्या ये बॉलीवुड की धूल धूसरित हो चुकी मसाला फिल्मों के लिए बड़ा खतरा बन चुके ओटीटी की घेराबंदी की एक कड़ी भर है ?
ओटीटी प्लेटफार्म पर परोसी जा रही गंदगी पर सलमान खान ने सीधे तौर पर उंगली उठाया है और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर फैलाई जा रही गंदगी के खिलाफ उनकी मुखरता को लोग पसंद भी कर रहे हैं।
खुलकर के गाली गलौच और अश्लील संवादों का इस्तेमाल सबसे पहले फिल्मों में फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप ने न सिर्फ शुरू किया था, बल्कि ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ और ‘रियलिस्टिक क्रिएटिव टच’ के नाम पर इसको लगातार जस्टिफाई भी करते रहे। उनकी पहली फिल्म फिल्म ‘पांच’ (जो गाली गलौच और अत्यधिक हिंसा का प्रदर्शन की वजह से आज तक सेंसर से पास नहीं हो सकी है) से लेकर ‘गैंग ऑफ वासेपुर’ तक में अश्लील संवादों का धड़ल्ले से प्रयोग किया था। उन्हीं की लकीर पर चलते हुए ओटीटी प्लेटफार्म पर ‘क्रिएटिव आर्टिस्टिक फ्रीडम’ के नाम पर फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों ने अपने प्रोजेक्ट्स में गाली गलौच और अश्लील संवादों के इस्तेमाल में एक दूसरे से होड़ लगा दी। तर्क वही कि समाज में जो होता है हम उसे वैसे ही दिखाने की कोशिश करते हैं। अब सलमान खान ऐसे फिल्म मेकर्स को न सिर्फ आइना दिखा रहे हैं, बल्कि प्रबुद्ध दर्शकों को भी ओटीटी प्लेटफॉर्म के जरिये घरों में परोसे जा रहे वीभत्स संवाद और अश्लीलता के चलन के प्रति आगाह कर रहे हैं।
हाल में एक अवार्ड फंक्शन के दौरान उन्होंने ओटीटी प्लेटफार्म पर परोसी जा रही गंदगी को लेकर दर्शकों और फिल्म प्रेमियों के साथ खुलकर संवाद स्थापित करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि इन पर अंकुश लगना जरूरी है। ऐसे दृश्य जिन्हें परिवार के संग बैठ कर नहीं देखा सकता उन्हें बंद किया जाना चाहिए।
सलमान खान यहीं पर नहीं रुके, इस तरह की गंदगी को बंद करने के पक्ष में आगे तर्क देते हुए उन्होंने सवालिया अंदाज में कहा कि 15-16 साल का बच्चा देखे तो चल सकता है, अगर छोटी बच्चियां पढ़ाई के बहाने यह सब देखे तो कैसा लगेगा? इसलिए मैं मानता हूं कि जो भी कंटेट स्ट्रीम हो उसे चेक किया जाना चाहिए और ऐसे कंटेंट पर सेंसरशीप लगनी चाहिए।
यह स्वीकार करते हुए कि ओटीटी प्लेटफार्म से बहुत सारे लोगों को रोजगार मिला है, और यह अच्छी बात है उन्होंने अपने संवाद को जारी रखते हुए आगे पूछा कि जब फिल्मों से लेकर टीवी तक के लिए सेंसरशीप है तो फिर ओटीटी के लिए क्यों नहीं ?