मुंबई। भारत के वर्तमान की ताकत हमारे समृद्ध सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और राष्ट्रीय मूल्यों के ज्ञान में निहित है। आज के इस उन्नतिशील मोड़ पर, दूरदर्शन दो भागों वाले एक वृत्तचित्र ‘धरोहर भारत की-पुनरुत्थान की कहानी’ का प्रसारण करेगा। दूरदर्शन नेशनल पर इसका पहला एपिसोड 14 अप्रैल 2023 को रात 8 बजे और दूसरा एपिसोड 15 अप्रैल 2023 को रात 8 बजे प्रसारित होगा। इस वृत्तचित्र का प्रस्तुतिकरण लोकप्रिय डिजिटल मीडिया प्रस्तोता कामिया जानी करेंगी।
इस वृत्तचित्र के लिए अपनी विशेष बातचीत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “हमारे सैनिकों ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया और हमारी मातृभूमि के एक-एक इंच की रक्षा के लिए उन्होंने अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। उनके बलिदान को केवल शब्दों में नहीं आंका जा सकता। भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए इसकी महिमा और महत्व को जीवंत करना होगा।”
उनके इसी दृष्टिकोण के अनुरूप, यह वृत्तचित्र भारत की सांस्कृतिक एकता और गौरव की भावना को पुनर्जीवित करने की दिशा में पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत द्वारा किए गए महत्वपूर्ण प्रयासों को प्रदर्शित करेगा। जलियाँवाला बाग जैसे देशभक्तिपूर्ण स्थलों की सुरक्षा के साथ-साथ पवित्रता सुनिश्चित करना; राम जन्मभूमि, काशी विश्वनाथ धाम, सोमनाथ धाम और केदारनाथ धाम जैसे सभ्यतागत केन्द्रों के शानदार उत्साह को पुनर्जीवित करना, करतारपुर साहिब जैसे आध्यात्मिक स्थलों को सम्मान देना, सेलुलर जेल जैसे प्रेरणादायक स्थलों पर हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के जीवन का उत्सव मनाना; इंडिया गेट पर नेताजी की भव्य प्रतिमा के माध्यम से नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदानों को केन्द्र में लाना और युद्ध स्मारक के माध्यम से हमारे अतीत एवं वर्तमान देशभक्तों के महान योगदानों का सम्मान करना आदि जैसे कुछ विषय इस वृत्तचित्र में प्रस्तुत किए गए हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया आह्वान – “पुरातन, महान परम्पराओं के प्रति आकर्षण” या हमारी प्राचीन, उदार और अद्वितीय विरासत में रुचि – समाज के सभी वर्गों की ऐतिहासिक भागीदारी के साथ एक राष्ट्रव्यापी परिघटना बन गई है। यह वृत्तचित्र इसी विचार का एक प्रतिबिंब है। हमारे संयुक्त गौरव ने जहां हमें विशेष रूप से पिछले कुछ वर्षों में अपनेपन की भावना के साथ फिर से जीवंत कर दिया है, वहीं आज के युवाओं के लिए यह आवश्यक है कि वे हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदानों के महत्व को पूरी तरह से समझें और उनकी विरासत को स्मरण करें।
इसी तरह, साबरमती आश्रम जैसे पुनर्जीवित और सौन्दर्यीकृत किए गए हमारे आध्यात्मिक केंद्रों की पवित्रता, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी और पंचतीर्थ जैसे नए स्मारकों एवं मूर्तियों के निर्माण के पीछे के कारणों को इस वृत्तचित्र के माध्यम से पूरी तरह से समझा जा सकता है।
संक्षेप में, दो-भागों वाला यह वृत्तचित्र भारत की व्यापक एवं जीवंत संस्कृति, उसके कायाकल्प एवं उसको अपनाने और ऐसा करने के क्रम में हमारी समृद्ध एवं विविध विरासत का उत्सव मनाने का एक आकर्षक प्रदर्शन है।
“धरोहर भारत की” हर भारतीय के साथ-साथ हर जगह भारतीयों के दिल में खुशी और गर्व लाएगा। अपनी जड़ों की यात्रा का अनुभव करके ही हम अपने शानदार भविष्य के मार्ग का अनुसरण कर सकते हैं।