जबरदस्त निर्देशन और नवाजुद्दीन सिद्दीकी, भूमि पेडनेकर के शानदार अभिनय के बावजूद क्यों अंडरप्ले रही ‘अफवाह’ ?

आलोक नंदन शर्मा। एक सहज सवाल है, फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को लेकर इतना हाई अटेंशन क्यों लिया गया और फिल्म ‘अफवाह’ को अंडरप्ले क्यों किया गया जबकि दोनों फिल्मों के केंद्र में लव जेहाद है? क्या यह इसलिए हुआ क्योंकि ‘द केरल स्टोरी’ की कहानी का तानाबाना लव जेहाद में फंसी हुई लड़कियों के इर्दगिर्द बुना गया है जबकि ‘अफवाह’ में यह दिखाया गया है कि कैसे किसी घटना विशेष को सोशल मीडिया पूरी तरह से बदल कर उसे लव जेहाद का रूप दे दिया जाता है और जाने अनजाने उस अफवाह को विस्तार देने में सोशल मीडिया पर सक्रिय लोग संलग्न हो जाते हैं ?

फिल्म ‘अफवाह’ की कहानी एक ऐसी लड़की के इर्दगिर्द घूमती रहती है जो अपनी इच्छा के खिलाफ एक राजनेता से शादी करना नहीं चाहती है। वह घर से भागती है और फिर अमेरिका रिटर्न एक बिजनेस मैन से अचानक उसकी मुलाकात होती है। वह उसकी मदद करता है। राजनेता के गुंडों से बचकर भागते हुए उनका वीडियो वायरल होता है, और इसे लव जेहाद का रूप दिया जाता है। एक घटना को गलत तरीके से पेश किया जाता है और फिर वह सोशल मीडिया पर लव जेहाद शक्ल अख्तियार करती हुई आग की तरह फैल जाती है। लोग उसे फारवर्ड करते जाते हैं, बिना सोचे समझे।

इस कहानी को फिल्म ‘अफवाह’ के निर्देशक सुधीर मिश्रा ने बहुत ही खूबसूरती के साथ पेश किया है। फिल्म की गति भी लाजवाब है, और परिवेश व तमाम चरित्र भी। नवाजुद्दीन सिद्दीकी और भूमि पेडनेकर ने भी सुधीर मिश्रा के सधे हुए निर्देशन में बेहतर किया काम किया है। बावजूद इसके इस फिल्म को नजर अंदाज किया गया है। सवाल उठता है क्यों ?

इस फिल्म को जिस तरह से नजरअंदाज किया गया है उससे खुद इसके निर्देशक सुधीर मिश्रा भी चकित हैं। एक वेब पोर्टल के संवाददाता के साथ बातचीत में उन्होंने कहा है कि वक्त अजीब होता है। मेरा चाहता हूं कि यह फिल्म लोगों तक पहुंचे। यह बातचीत के लिए है। मैं आमतौर पर लोगों की प्रतिक्रिया का परवाह नहीं करता लेकिन इस बार मुझे फिक्र हो रही है। मतलब साफ है कि सुधीर मिश्रा चाहते हैं कि इस फिल्म के जरिये सोशल मीडिया के जरिये फैलाये जा रहे अफवाह के तौर तरीके पर बातचीत हो। उन्हें लगता है कि तकनीकि क्रांति के जिस दौर में मानव सभ्यता प्रवेश कर चुकी है वह खतरनाक है, व्यक्ति विशेष के लिए भी, उसकी आजादी के लिए भी, समाज के लिए भी और धर्म और राष्ट्र के लिए भी। चुंकि इस फिल्म में लव जेहाद को लेकर अफवाह फैलाया जा रहा है और अफवाह फैलाने का पूरा चक्रव्यू रचने वाले नेता को पता है कि अपनी मनपंसद चीज हासिल करने लिए किस तरह की अफवाहे फैलानी है और कैसे फैलानी है।

इस फिल्म को लेकर के प्रतिक्रियाएं भी काफी उत्साहजनक आ रही हैं। टीवी जर्नलिस्ट और फिल्म मेकर विनोद कापड़ी ने इस फिल्म पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है कि कितनी कितनी कमाल और शानदार थ्रिलर है। ये फिल्म आपको लगातार परेशान करेगी, विचलित करेगी। एक रात का आपका ये जादू लंबे समय तक याद रखा जाएगा।

फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पहले दिन 8 करोड़ रुपये, दूसरे दिन 11.22 करोड़ रुपये और तीसरे दिन का कलेक्शन 16.60 करोड़ रुपये रहा। फिल्म ‘अफवाह’ का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पहले और दूसरे दिन क्रमश: 25-25 रुपये रहा और तीसरे दिन 50 लाख रुपये। दोनों में अपने अपने तरीके से लव जेहाद को चित्रित किया गया है। पहली फिल्म लव जेहाद के मैकेनिज्म को प्रदर्शित किया जा रहा है, इस दावे के साथ यह फिल्म पूरी तरह से सच्ची घटना पर आधारित है जबकि दूसरी फिल्म में यह दिखाया जा रहा है कि लव जेहाद शब्द का इस्तेमाल कैसे अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कोई सियासी शख्स करता है, और कैसे इसके नाम पर फैलाये जा रहे अफवाह से किसी की जान पर बन आती है।

सवाल उठता है कि कमोबेश एक ही विषय लव जेहाद के इर्दगिर्द बनी दो फिल्मों में एक फिल्म को दर्शक माथे पर क्यों बिठाते हैं दूसरी फिल्म से दूरी क्यों बना लते हैं? रिलीज होने के पहले ही फिल्म ‘द केरला स्टोरी ’ के बारे में यह दावा किया जाता है कि यह सच्ची घटना पर आधारित है और तकरीबन 32 हजार गैर मुस्लिम लड़कियां केरला जैसे राज्य से लव जेहाद के चंगुल में फंसकर गायब हो चुकी हैं। तमाम संचार माध्ययमों में भी यही प्रचारित प्रसारित किया जाता है कि यह फिल्म लव जेहाद के चेहरे से नकाब हटाती है और गैर मुस्लिम लड़कियों को सतर्क करती है, जबकि फिल्म ‘अफवाह’ समाज में अफवाह फैलाकर लोगों को गुमराह करने वाले मैकेनिज्म का पर्दाफाश करती है और इसका हिस्सा न बनने के लिए सतर्क करती है।

फिल्म क्यों देखें : अफवाह के मैकेनिज्म को समझने और नवाजुद्दीन सिद्दकी और भूमि पेडनेकर के जबरदस्त अभिनय को देखने के लिए।