मुंबई। रंगमंच के लिहाज से दिल्ली काफी समृद्ध है। एनएसडी जैसी संस्था है, श्रीरामकला केंद्र जैसे थियेटर हॉल हैं, वहां के कॉलेजों में भी नाट्य परंपरा काफी समृद्ध है। तभी तो वहां नाट्य फेस्टिवल खूब होते हैं और नाटकों में गहरी दिलचस्पी रखने वाले दर्शकों की भी कमी नहीं है। दिल्ली में आयोजित पांच दिवसीय “भारतेंदू नाट्य महोत्व” में नाट्य प्रेमियों की जुटने वाली भीड़ इस बात की तस्दीक कर रही है कि दिल्ली रंगमंच की परंपरा मजबूती से अपना जड़ जमाये हुए हैं।
पांच दिवसीय “भारतेंदू नाट्य महोत्व” प्रतिदिन एक नाटक की प्रस्तुति होगी। यानि कुल पांच नाटक दशर्कों को देखने के लिए मिल रहे हैं। “भारतेंदू नाट्य महोत्व” की शुरुआत “छोड़ों कल की बातें” से हो चुकी है। अन्य नाटकों में “मन के भंवर” “नदी के द्वीप”, “जूलियस सीजर”, और “एक आवाज मोहब्बत की” है।
इन नाट्य महोत्सव का आयोजन दिल्ली सरकार के साहित्य कला परिषद और सांस्कृतिक विभाग द्वारा किया जाता है। 19 मार्च से शुरु होने वाला यह महोत्सव 24 मार्च तक चलेगा।