भारतीय सिनेमा की धरोहर को नया जीवन दे रहा है फिल्म धरोहर मिशन : अनुराग सिंह ठाकुर

मुंबई। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा कार्यक्रम तथा खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने अपनी पुणे यात्रा के दौरान एनएफडीसी- भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार (एनएफएआई) का दौरा किया तथा राष्ट्रीय फिल्म धरोहर मिशन के तहत हुई प्रगति की समीक्षा की। अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि एनएफएचएम भारतीय सिनेमा की धरोहर को एक नया जीवन रेखा दे रहा है, जहां कई फिल्में जो पहले बिल्कुल भी उपलब्ध नहीं थीं, उन्हें विश्व भर के दर्शकों के लिए उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता में सुलभ कराया जाएगा, इसके साथ ही अगले 100 वर्षों और अधिक समय के लिए भारतीय सिनेमा के दीर्घकालिक संरक्षण को सुनिश्चित करेगा।

राष्ट्रीय फिल्म धरोहर मिशन (एनएफएचएम) एनएफडीसी-भारतीय राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार (एनएफएआई), पुणे में पूरी गति से प्रगति कर रहा है। एनएफएचएम के हिस्से के रूप में, एनएफडीसी-एनएफएआई में 3 प्रमुख परियोजनाएं जारी हैं: फिल्मों का डिजिटलीकरण, फिल्म की रीलों का संरक्षण और फिल्मों को सहेजना। ये सभी परियोजनाएं फिल्म संरक्षण के क्षेत्र में प्रकृति में विशाल हैं और वैश्विक रूप से इतने व्यापक स्तर पर कभी प्रयास नहीं किया गया है।

अभी तक, 1293 फीचर और 1062 लघु व वृत्तचित्रों को 4 के और 2 के रिज़ॉल्यूशन में डिजिटाइज़ किया गया है। इसके अतिरिक्त 2500 फीचर और लघु एवं वृत्तचित्र डिजिटाइज किए जाने की प्रक्रिया में हैं। इस बीच, 1433 सेल्युलाइड रीलों पर संरक्षण कार्य संपन्न कर लिया गया है। फिल्म संरक्षण में विश्व के सबसे अग्रणी विशेषज्ञ, अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी लीम्मैयजीन रिट्रोवाटा के सहयोग से, अत्यंत सावधानी के साथ यह कार्य किया गया है। अनुराग सिंह ठाकुर ने एनएफडीसी-एनएफएआई के परिसर में नव स्थापित फिल्म संरक्षण प्रयोगशाला का दौरा किया जहां सेल्युलाइड रीलों पर संरक्षण कार्य हो रहा है। आने वाले महीनों में सैकड़ों और फिल्मों का संरक्षण किया जाएगा, तथा कुछ मामलों में, ये रीलें कुछ दुर्लभ भारतीय फिल्मों की एकमात्र बची हुई प्रतियां हो सकती हैं। एनएफडीसी-एनएफएआई ने हाल ही में जीर्णोद्धार परियोजना भी आरंभ की है, जहां 21 फिल्मों को डिजिटल रूप में सहेजने की प्रक्रिया जारी है। अगले 3 वर्षों में कई फीचर, लघु फिल्मों और वृत्तचित्रों को डिजिटल रूप में सहेज कर रखा जाएगा।