कॉमिक एक्शन क्राइम थ्रिलर ‘मुंबईकर’ में गायब है मुंबई की जिंदगी

आलोक नंदन शर्मा। यदि आप हल्के फुल्के अंदाज में मनोरंजन करने के मूड में हैं तो कॉमिक क्राइम थ्रिलर फिल्म ‘मुंबईकर’ देख सकते हैं। इस फिल्म को पूरी तरह से मनोरंजन के लिहाज से ही बनाया गया है। यहां तक कि ‘मुंबईबर’ टाईटल के बावजूद फिल्म को मुंबई से जोड़ने की कुछ खास कोशिश नहीं की गई है। यह शायद इसलिए हुआ है कि रिमेक के दौरान कहानी तो एडॉप्ट कर ली गई लेकिन एक खास महानगर का नाम देने के बावजूद उस महानागर को पर्दे पर पुरी शिद्दत से उकरने की तरफ विशेष ध्यान नहीं दिया गया।

तमिल फिल्म अभिनेता विजय सेतुपति हिन्दी फिल्म दर्शकों के लिए कोई नया चेहरा नहीं है। तमिल से हिन्दी में डब की गई उनकी दर्जनों फिल्मों को हिन्दी भाषी दर्शक बार-बार देख चुके हैं और उनके सहज भाव प्रधान अभिनय के मुरीद भी हैं। उनके अभिनय में बेवजह का शोर और एक्शन का सर्वथा अभाव है। वह किरदार की मानसिकता, उसके हाव भाव और संवाद अदायगी को बहुत ही सहजता व सरलता से अपने अभिनय में ढालने की कला में माहिर हैं, जो उन्हें सीधे दर्शकों से कनेक्ट करती है। भले ही ‘मुंबईकर’ उनकी पहली हिन्दी फिल्म है लेकिन जिस तरह से हिन्दीभाषी दर्शकों के बीच में वह लोकप्रिय हैं उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि उनका अभिनय भाषा परिधि को बहुत पहले ही लांघ चुका है।

‘मुंबईकर’ तमिल फिल्म ‘मानागरम’ की रिमेक है, जिसे ‘कैथी’ और ‘विक्रम’ जैसी सुपरहिट फिल्म बनाने वाले निर्देशक लोकेश कनगराज ने बनाया था। फिल्म ‘मुंबईकर’ का निर्देशन संतोष शिवन ने किया है और कैमरा भी उन्होंने ही चलाया है। इसके पहले भी वह एक पेशेवर कैमरामैन के तौर पर कई फिल्में कर चुके हैं। इस फिल्म के जरिये उन्होंने छायांकन के साथ साथ निर्देशन के क्षेत्र में भी सधे हुए अंदाज में एक लंबी छलांग भरी है। हालांकि इसके पहले वह ‘स्टोरी ऑफ टिबलू’ जैसी फिल्म का निर्देशन करके निर्देशन के क्षेत्र में अपना हाथ आजमा चुके हैं।

इतना ही नहीं विजय सेतुपति जैसे अभिनेता को विधिवत हिन्दी सिनेमा में लांच करने का श्रेय भी उन्होंने हासिल कर लिया है। ‘मुंबईकर’ एक कॉमिक एक्शन क्राइम थ्रिलर फिल्म है। कैमरामैन और एक निर्देशक के तौर पर संतोष शिवन का लय और ताल इस फिल्म में देखने लायक है। एक कप्तान के तौर पर अपनी पूरी टीम को सही दिशा देने में वह पूर तरह से कामयाब हुए हैं, लेकिन मुंबई की जिंदगी को सही तरीके से पकड़ने में उनसे चूक हुई है।

कहानी लोकेश कनगराज की है, जिसकी पटकथा हिमांशु सिंह और अमित जोशी ने मिलकर लिखी है। फिल्म की कहानी एक साथ तीन -चार दिशाओं से आगे बढ़ती है और फिर एक मुकाम पर आकर आपस में मिल जाती है। मुख्य किरदार मुन्नू के रूप में विजय सेतुपित मुंबई डॉन बनने के लिए आते हैं और गलती से मुंबई के डॉन के बेटे का ही अपहरण कर लते हैं। पूरा ड्रामा इसी के इर्दगिर्द रचा गया है। फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाले कलाकारों में विजय सेतुपति के अलावा विक्रांत मैसी, ह्रदु हारुन, तान्या मनिकतला, रणवीर शौरी, संजय मिश्रा, सचिन खेडेकर और बृजेंद्र काला आदि प्रमुख हैं। फिल्म को जियो ओटीटी प्लेटफार्म पर रिलीज किया गया है।

क्यों देखे फिल्म : विजय सेतुपति के अभिनय के लिए।