मुंबई। डायरेक्टर कार्तिकी गोंजाल्विस की शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म ‘द एलिफेंट व्हिस्परर्स‘ ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म की कैटेगरी में ऑस्कर अवार्ड जीत कर इतिहास रच दिया है। इस शॉर्ट डॉक्यूमेंट्री फिल्म में दो हाथियों रघु और अम्मू की कहानी को बयां किया गया जिनका पालन पोषण आदिवासी जोड़ा बेल्ली और बोम्मन करती है। बेल्ली और बोम्मी को ऑस्कर अवार्ड के बारे में कुछ भी पता नहीं था। लेकिन अब जब लोग उन्हें बधाइयां देने लगे हैं तो पता चल गया है। उनकी चिंता अभी भी हाथियों को लेकर बनी हुई हैं। उन्होंने पता चला है कि उन दोनों हाथियों के पीछ शिकारी पड़े हुए हैं।
बोम्मन ने बताया है कि दो दिन पहले यानि 12 मार्च को कृष्णागिरि जंगल में कुछ संदिग्ध लोग इन हाथियों का पीछा कर रहे थे। वे शराब के नशे में थे और उनका इरादा नेक नहीं था। तभी से दोनों हाथियों का कोई सुराग नहीं मिल रहा है। बोम्मन लगातार दोनों हाथियों की तलाश कर रहा है। इन हाथियों को लेकर उसे किसी अनहोनी की आशंका हो रही है। हालांकि कि वह यह भी कह रहा है कि हो सकता है हाथी अपने झुंड में वापस चले गये हों, लेकिन जब तक वे दिख नहीं जाते हैं तब तक उसे चैन नहीं आएगा।
रघु और अम्मू को अपने बच्चों की तरह पालने वाले बेल्ली और बोम्मन को हाथियों से काफी लगाव है। यही वजह है कि फोरेस्ट विभाग में उनकी नौकरी भी लग गई है। दिन रात वे हाथियों की देखभाल में ही लगे रहते हैं। अब तक 84 से भी ज्यादा हाथियों की देखभाल वे कर चुक हैं। लेकिन रघु और अम्मू से उनसे खास लगाव रहा है। दोनों हाथी अपनी मां से बिछड़ गये थे। इसके इनका लालन पालन बेल्ली और बोम्मन ने ही किया था। रघु और अम्मू के लापता होने से दोनों परेशान हैं।