मुंबई। अमिताभ बच्चन भारतीय सिनेमा के एक ऐसे शंहशाह है जो कई बार गिरे और कई बार उठे हैं। अपने फिल्मी कैरियर के इब्तदाई दौर में ही उन्हें बार-बार असफलता का स्वाद चखना पड़ा था। अपनी पहली फिल्म ‘सात हिन्दुस्तानी’ में अपने दमदार अभिनय का अहसास कराने के बावजूद उन्हें कठिन संघर्ष से गुजरना पड़ा था। बाद में फिल्म ‘जंजीर’ की सफलता के बाद उनका फिल्मी कैरियर लाइन पर आ गया था।
इसके बाद ‘दीवार’, ‘त्रिशूल’, सहित एक के बाद एक कई हिट फिल्में देकर उन्होंने यंग्रीयंग मैन के तौर पर दर्शकों के दिलों में अपनी एक अमिट छवि बना ली थी। लेकिन फिल्म ‘कुली’ के सेट पर लगी चोट ने एक बार फिर उन्हें धराशायी कर दिया था। यहां तक कि उनकी जान पर बन आयी थी। लेकिन इस संकट से भी निकलने में वह कामयाब हो गये। अपने मित्र व पूर्व प्रधानमंत्री राजीव के कहने पर सियासत में भी उन्होंने हाथ आजमाया और इलाहाबाद सीट से सांसद भी चुने गये। बाद में उन्होंने अपनी फिल्म कंपनी एबीसीएल भी स्थापित की। लेकिन यह कंपनी नहीं चली और वे कर्जे में बुरी तरह से जकड़ गये। लेकिन उन्होंने खुद को संभाला और फिल से अभिनय की दुनिया में पूरी मजबूती से लौट आये। एक बार फिर उन्हें दर्शकों का भरपूर प्यार मिला।
अमिताभ बच्चन पिछले 40 साल दर्शकों के इस प्यार का अपना तरीके से सम्मान कर रहे हैं। वह अपने घर जलसा में प्रत्येक रविवार को अपने चाहने वालों से मुलाकात खाली पैर करते हैं। यह सिलसिला पिछले 40 साल से बदस्तूर जारी है।
पहली सोशल मीडिया पर इस बारे में उन्होंने लिखा है कि मुझसे हमेशा यह पूछा जाता है कि नंगे पैर प्रशंसकों से मिलने कौन जाता है? मैं उनसे कहता हूं, मैं जाता हूं। आप मंदिर नंगे पैर जाते हैं। रविवार को आने वाले शुभचिंतक मेरे लिए मंदिर के सामान हैं। आपको इसमें कोई दिक्कत है क्या? बहरहाल इस पोस्ट के बाद अमिताब बच्चन के प्रशंषकों की नजर में उनका कद और बढ़ गया है। उनके इस पोस्ट उनको सम्मान देते दर्शकों की प्रतिक्रियाएं भी खूब आ रही हैं।
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